Description
रोग, कारण और निवारण
पेट के रोगों में मुख्यत गैस कब्ज एसिडिटी सामान्य रूप से दिखती है। लेकिन यह रोग के लक्षण है शुरू शुरू में यदि लक्षण इग्नोर कर दिए जाते हैं तो पेट की घातक समस्या पैदा हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार पेट के रोग अन्नवह स्रोतस के रोग हैं जिसमें पूर्ण रूप से आहार नली समाहित होती है इसके घटक आमाशय छोटी आत बड़ी आत मुख्य भाग हैं जो अलग-अलग प्रकार के कार्य करते हैं और उसमें विकृति अलग-अलग बिमारियों का जन्म देती है। आमतौर पर सभी पेट रोग वात- पित्त -कफ तीनों दोषों से जुड़े होते हैं लेकिन किसी किसी में इन तीनों देशों में से किसी एक की अधिकता रहती है । इलाज भी उसी के अनुरूप होता है। आहार का ना पचना, लिवर और पित्ताशय के रोग, दस्त का अधिक होना या कब्ज का रहना, पेट का फूलना व भारी रहना यह सब पेट के ही रोग है। पेट रोग में जब खाया हुआ अन्न अपचन की स्थिति में आहार नली के म्यूकस के साथ मिल कर आहार नली के अंदर एक पतली ग्रिजी लेयर बन जाती है जो अनेक प्रकार के रोग और पेट के पुराने रोग का कारण होती है इसलिए अन्न का पचाना उतना ही जरूरी है जितना खाना खाना।आयुर्वेद के अनुसार सभी रोगों की जड़ पेट विकार ही है क्योंकि यदि आहार सही ढंग से नहीं पचेगा तो शरीर की समस्त टिशू सेल्स का पोषण में कमी या विकास आना लाजिमी हो जाता है इसलिए अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए पेट का ख्याल अति आवश्यक है।
कारण
1. गैस्ट्रिक एंजाइम जूस का कम बनना ।
2. खाना पचाने वाली अगनि जठर का कमजोर , अधिक होना या असंतुलित होना।
3. आंतों में सूजन के कारण पोषक तत्वों का पूर्ण चूसण ना होना।
4. लिवर की सूजन एवं कार्य क्षमता का अभाव।
5. बड़ी आंत की सूजन कोलाइटिस आईबीएस और पेचिश जैसे रोग।
6. इमोशनल डिस्टरबेंस भी पेट रोग का मुख्य कारण।
निवारण
अन्न एवं आहार का पचना एवं पचने में मदद करना पेट रोग से बचने के लिए नितांत आवश्यक है। जिसके लिए उचित समय पर नाश्ता, डिनर एवं लंच करें और खाना उतनी ही मात्रा में लें जितना आसानी से पचा सकें।
फिर भी कभी जाने अनजाने में उल्टा पुल्टा हो भी जाता है तो घबराने की आवश्यकता नहीं । गैस, एसिडिटी एवं कब्ज का एक बेहद शानदार जड़ी बूटियों का फॉर्मूला जो आपके पेट का रखे संपूर्ण ख्याल। आजमाएं और पाएं लाभ
1 Month Medicine pack:-
Colon Detox – 60 Caps
ACIDO Caps – 60 Caps
SHOP NOW