Description
रोग, कारण और निवारण
जोड़ों नसों मांसपेशियों का दर्द 40 वर्ष के बाद की बड़ी भारी स्वास्थ्य समस्या है अधिकांश लोग इन लक्षणों और बिमारियों की चपेट में आते हैं।
प्रथम दृष्टि में लोग कोई ना कोई दर्द निवारक दवा लेकर कुछ समय तक रोग की रोकथाम लक्षणों की दृष्टि से करते हैं परंतु बिमारी बढ़ती जाती है। अतः इस बात का ध्यान रखते हुए बिमारी के मूल कारण का इलाज करना रोग से मुक्त होने का ही उपाय होगा।
35 वर्ष की आयु के आसपास जिन लोगों का संयमित जीवन नहीं होता है वह लोग ब्लड प्रेशर, मधुमेह, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर्स, पेट की समस्या आदि कारणों के कारण उचित आहार ना ले पाने के कारण नसों में कमजोरी जोड़ों में दर्द एवं ग्रीस की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी मिले-जुले असर के कारण जोड़ों नसों एवं मांसपेशियों की दर्द देते हैं। नसों में कमजोरी के कारण हाथ पैर का सुन्न पन होना , पूरे शरीर में अकड़न रहना। मांसपेशियों की कमजोरी में मस्कुलर पेन रहना थकान जल्दी रहना किसी शरीर के भाग में दर्द का अनुभव होना अक्सर होता है।
जोड़ों की दर्द एवं सूजन में, चलने फिरने में भारी तकलीफ होती है, जिसमें कार्टिलेज की क्षति, कैल्शियम की कमी ,हड्डियों की कमजोरी, लिगामेंट्स में खिंचाव व सूजन, मांस पेशियों का टीअर होना, और जोड़ों में वायु व जल संचय के कारण सूजन होना।
कारण
जोड़ों का दर्द:
1. शरीर का वजन ज्यादा होना।
2. पेट का खराब रहना एवं पुरानी कब्ज रहना।
3. गर्मी एवं वाय का ज्यादा बनना।
4. टीबी वाले जीवाणु का जोड़ों पर संक्रमण।
5. जिंक मगनीशियम, कैलशियम की कमी।
6. ग्रीस का सुखना या ना बनना।
7. जोड़ों की मांसपेशियों में सूजन व चर्बी का इकट्ठा होना।
नसों की कमजोरी :
1. कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ना।
2. फैटी लिवर का होना।
3. नसों की सूजन एवं करंट को पहुंचाने वाली लेयर में क्षति (स्क्लेरोसिस) होना।
4. विटामिन बी कॉन्प्लेक्स एवं लौह तत्व की कमी।
5. फैट्री एवं फ्राइड फूड को पचाने में असमर्थता।
मांसपेशियों की कमजोरी :
1. पोषक तत्वों का अभाव।
2. टेडेंन एवं मांस तंतु में गर्मी यानी पित्त और वात की वजह से सूजन।
3. फाइब्रॉम्याल्जिया और रियूमैटिक डिसऑर्डर्स मांसपेशियों की डिस्फंक्शनल बिमारी है। कुछ लोगों को वेरीकोज वेन हो जाती है वह भी इसी का परिणाम है।
निवारण
जोड़ों नसों एवं मांसपेशियों का दर्द देखने में बड़ी एक सामान्य बिमारी है परंतु इलाज एक्सपर्ट की देखरेख कारण का सही पता लगाकर उचित इलाज लेना चाहिए। इलाज थोड़ा धैर्य पूर्वक होना चाहिए क्योंकि बिमारी ठीक होने में थोड़ा वक्त लगता है।
भार्गव आयुर्वेद संस्थान रोगियों की चिकित्सा के अनुभव एवं गहन शोध के आधार पर ट्रीटमेंट पैकेज विकसित किया है जिसका सेवन कर उचित लाभ प्राप्त करें। यदि आपको निर्णय लेने में कोई संशय है या असहजता महसूस कर रहे हैं तो आप एक्सपर्ट राय भी ले सकते हैं पूर्ण संतुष्टि के लिए आप अपॉइंटमेंट लेकर संस्थान के डॉक्टर से भी मिल सकते हैं।
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नोट:-
रोग को ठीक करने की दृष्टि से दो प्रकार का ट्रीटमेंट पैकेज का प्रावधान किया गया है एक जो लोग दुबले हैं और उपरोक्त रोगों से पीड़ित हैं उनके लिए इस ट्रीटमेंट पैकेज (B) का प्रयोग बताया जाता है। और जो लोग अधिक मोटे या वजन ज्यादा हैं उनके लिए दूसरे ट्रीटमेंट पैकेज (A) का प्रयोग बताया जाता है।